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क्या ये प्लाज्मा बबल्स सैटेलाइट संचार के लिए खतरा हैं?

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चीनी वैज्ञानिकों ने Egyptian pyramids और Midway Islands के ऊपर प्लाज्मा बबल्स का पता लगाया, जिससे नई रुचि उत्पन्न हुई है।

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Low Latitude Long Range Ionospheric Radar (LARID) को Chinese Academy of Sciences ने विकसित किया और पिछले साल इसे इंस्टॉल किया गया था।

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प्लाज्मा बबल्स कैसे काम करते हैं ये प्लाज्मा बबल्स सैटेलाइट और GPS सिग्नल को बाधित कर सकते हैं, क्योंकि ये आयनमंडल में चार्ज्ड पार्टिकल्स में हस्तक्षेप करते हैं।

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नई खोज की घोषणा 27 अगस्त को चीनी शोधकर्ताओं ने यह घोषणा की कि यह अब तक का सबसे बड़ा प्लाज्मा बबल्स का पता लगाया गया है, जो North Africa से लेकर Pacific Ocean तक फैला है।

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LARID की क्षमता Hainan Island पर स्थित LARID radar 9,600 किमी तक प्लाज्मा बबल्स का पता लगा सकता है, Hawaii से लेकर Libya तक के क्षेत्रों को कवर करता है।

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LARID की तकनीक LARID शक्तिशाली electromagnetic waves का उपयोग करता है, जो ग्राउंड और आयनमंडल के बीच उछलती हैं, जिससे यह क्षितिज से परे ऑब्जेक्ट्स को ट्रैक कर सकता है।

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Military उपयोग China की military भी LARID जैसी advanced radars का उपयोग कर रही है, जो stealth aircraft का पता लगा सकती हैं, जिससे लगता है कि उनके पास और भी sophisticated versions हैं।

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ग्लोबल डिटेक्शन का प्रस्ताव चीनी वैज्ञानिकों ने दुनिया भर में low-latitude क्षेत्रों में इसी तरह के radars का नेटवर्क बनाने का प्रस्ताव रखा है, जिससे प्लाज्मा बबल्स की बेहतर पहचान हो सके।

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प्लाज्मा बबल्स का प्रभाव ये प्लाज्मा बबल्स आधुनिक तकनीक और सैन्य प्रणालियों के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं, जिससे इनका समय पर पता लगाना जरूरी हो जाता है।

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